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Fortune : Luck || भाग्य ही सब कुछ नहीं होता

भाग्य है बारिश का पानी                              और..   परिश्रम कुंए का जल ।    बारिश में नहाना है तो आसान       लेकिन...   रोज नहाने के लिए हम वर्षा  के सहारे नहीं रह सकते ! इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी       चीजे आसानी से मिल जाती है,    किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते ।

कहानी देश हित में : Must read to change your views

बहुत समय पहले की बात है। एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं।  वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता। सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह जब चरवाहा भेडें निकाल रहा था तब उसने देखा कि बाड़े से एक भेड़ गायब है। चरवाहा इधर-उधर देखने लगा, बाड़ा कहीं से टूटा नहीं था और कंटीले तारों की वजह से इस बात की भी कोई सम्भावना न थी कि बहार से कोई जंगली जानवर अन्दर आया हो और भेड़ उठाकर ले गया हो। चरवाहा बाकी बची भेड़ों की तरफ घूमा और पुछा : "क्या तुम लोगों को पता है कि यहाँ से एक भेंड़ गायब कैसे हो गयी !  क्या रात को यहाँ कुछ हुआ था? सभी भेड़ों ने ना में सर हिला दिया।  उस दिन भेड़ों के चराने के बाद चरवाहे ने हमेशा की तरह भेड़ों को बाड़े में डाल दिया।  अगली सुबह जब वो आया तो उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह गयीं, आज भी एक भेंड़ गायब थी और अब सिर्फ आठ भेडें ही बची थीं। इस बार भी चरवाहे को कुछ समझ नहीं आया कि भेड़ कहाँ गायब हो गयी। बाकी बची भेड़ों से पूछने पर भी कुछ पता नहीं चला। ऐसा लगातार होने लगा और रोज रात में एक भेंड़ गायब हो जाती। फिर एक दिन ऐसा आया कि बाड़े में