डायन अन्धविश्वास (DAYAN superstitious )
डायन अन्धविश्वास नहीं एक सच !
मुझे पता है कि बहुत से पढ़े-लिखे इन बातों पर विश्वास नहीं करेंगे इसलिये मैं पहले ही बता दू की में टेक्निकल व्यक्ति हूं ।
इसको देखने/महसूस के लिये विशेष यन्त्र की जरूरत है या नहीं ?
मैं हमेशा WireLess क्षेत्र में ध्यान देता आ रहा हूँ जो इस विषय से सम्बन्धित ही है ।
अब आप मेरी बात इसलिए भी सुनियेगा क्योंकि की
आम तौर पर साइंस/टेक्निकल क्षेत्र के लोग इसमें विश्वास नहीं करते है , पर क्यों ?
ऐसा इसलिए की अधिक्तर साइन्स में कुल-मिलाकर टेक्निकल या फिर मेडिकल की पढाई होती है न की रहस्यों का उजागर होता है |
विषय वस्तु से अलग कौन पढ़ता है ?
सब अधिक से अधिक मार्क लाने के लिये प्रयत्न करते है और इसी में व्यस्त रह जाते है ।
(बुरी आत्मा को बस में कर के , जैसे - डायन आदि के पास की शक्ति)
2】 दैवीय शक्ति / ईश्वरीय शक्ति
(जैसे- साधू संत आदि के पास की शक्ति)
लाखों करोड़ो लोग किसी चीज़ को मानते है तो इसका मतलब ये नहीं होता है की वो जिसको मानतें है उसका आधार पूर्णतः सत्य या फिर असत्य है |
तर्क , आधार ,तथ्य अपने जगह पर है और सच्चाई अपने जगह पर ।
आत्मा बिना अगर कोई वैज्ञानिक मनुष्य जीवन का कल्पना मात्र भी कर लेता है तो मेरा लिखा हुआ संदेहास्पद ही मना जायेगा |
आत्मा; शरीर में दिमाग और दिल के बीच एक कड़ी है जो की आपार ऊर्जा के रूप में जीवित होने की पुष्टि करती है।
हर वो व्यक्ति जो जनता है कि हर पदार्थ इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन से बना हुआ है, को पता होगा कि इलेक्ट्रॉन अपने कक्षा में चक्कर लगता है ?
तो क्या आप अभी जिस भी पदार्थ को देख रहे हैं ?
घूम रहा है , नहीं न ?
इनफ्रारेड , वाईफाई , ब्लूतुथ , चुम्बकीय क्षेत्र आदि को भी नहीं देख सकते है।
कॉसमिक किरण के बारे में जानने के बाद आपको बहुत कुछ समझ आएगा ।
इस तरीके से ही कुछ नियंत्रण कालीशक्ति के पास होता और वे कुछ बुरे आत्मा आदि द्वारा अपनी ताकत बढ़ाता है ।
और अपनी इस शक्ति आम जनसाधारण के जिंदगी को अस्त व्यस्त करता है , यहाँ जो मनुष्य ये काम करता है वही मनुष्य डायन हुआ |
सामान्यतः औरत को डायन और मर्द को तांत्रिक बोला करते है !
ऐसा नहीं है की दैवीय शक्ति द्वारा ये कार्य नहीं हो सकता है पर बहुत ही कठिन है और अच्छे लोग को सतना नामुमकिन होता है क्योंकि ईश्वर कभी ऐसे ही किसी को कुछ नहीं करता है साथ ही सही रास्ता पर चलना सबको कठीन लगता है,
नोट: दुष्टशक्ति पूजना सही नहीं और इसलिए ऐसा न करें
देर से ही सही , मंजिल मिल ही जायेगी तो फिर गलत के साथ क्यूँ चलें ?
धन्यवाद
Also read this Who is God ?
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सामान्यतः लोग डायन क्या है ,को समझ नहीं पाते है |
माना जाता है की मुुुख्य रूप से 2 प्रकार की अदृश्य शक्ति ,लोग प्राप्त कर सकता है :
1】दुष्टशक्ति/ काली-ताकत (ब्लैक पॉवर)
माना जाता है की मुुुख्य रूप से 2 प्रकार की अदृश्य शक्ति ,लोग प्राप्त कर सकता है :
1】दुष्टशक्ति/ काली-ताकत (ब्लैक पॉवर)
(बुरी आत्मा को बस में कर के , जैसे - डायन आदि के पास की शक्ति)
[ ]
2】 दैवीय शक्ति / ईश्वरीय शक्ति
(जैसे- साधू संत आदि के पास की शक्ति)
[ ]
तर्क , आधार ,तथ्य अपने जगह पर है और सच्चाई अपने जगह पर ।
आत्मा बिना अगर कोई वैज्ञानिक मनुष्य जीवन का कल्पना मात्र भी कर लेता है तो मेरा लिखा हुआ संदेहास्पद ही मना जायेगा |
आत्मा; शरीर में दिमाग और दिल के बीच एक कड़ी है जो की आपार ऊर्जा के रूप में जीवित होने की पुष्टि करती है।
हर वो व्यक्ति जो जनता है कि हर पदार्थ इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन से बना हुआ है, को पता होगा कि इलेक्ट्रॉन अपने कक्षा में चक्कर लगता है ?
तो क्या आप अभी जिस भी पदार्थ को देख रहे हैं ?
घूम रहा है , नहीं न ?
इनफ्रारेड , वाईफाई , ब्लूतुथ , चुम्बकीय क्षेत्र आदि को भी नहीं देख सकते है।
कॉसमिक किरण के बारे में जानने के बाद आपको बहुत कुछ समझ आएगा ।
( जिन्हें ये बात मालूम नहीं है, वे इस बात को नहीं भी स्वीकार सकते है )
ठीक उसी प्रकार से आत्मा, परमात्मा और दुष्टशक्तियों (Black power) को समझने के लिए जरुरत है इन सब की जानकारियों की ।
हर आत्मा ( शरीर रूपी {जैसे मनुष्य} और शरीर रहित { जैसे भुत-प्रेत}) का कनेक्शन परमात्मा (भगवान) से होता है ।
और अगर कोई आत्मा, परमात्मा के अपेक्षा कालीशक्ति की ओर अग्रसर हो जाता है तो परमात्मा से उस आत्मा का सम्बन्ध मन्द हो जाता है।
इस स्तिथि में उस आत्मा का तत्कालीन मालिक दुष्टशक्ति (कालीशक्ति) हो जाता है|
ठीक उसी प्रकार से आत्मा, परमात्मा और दुष्टशक्तियों (Black power) को समझने के लिए जरुरत है इन सब की जानकारियों की ।
हर आत्मा ( शरीर रूपी {जैसे मनुष्य} और शरीर रहित { जैसे भुत-प्रेत}) का कनेक्शन परमात्मा (भगवान) से होता है ।
और अगर कोई आत्मा, परमात्मा के अपेक्षा कालीशक्ति की ओर अग्रसर हो जाता है तो परमात्मा से उस आत्मा का सम्बन्ध मन्द हो जाता है।
इस स्तिथि में उस आत्मा का तत्कालीन मालिक दुष्टशक्ति (कालीशक्ति) हो जाता है|
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और अपनी इस शक्ति आम जनसाधारण के जिंदगी को अस्त व्यस्त करता है , यहाँ जो मनुष्य ये काम करता है वही मनुष्य डायन हुआ |
सामान्यतः औरत को डायन और मर्द को तांत्रिक बोला करते है !
ऐसा नहीं है की दैवीय शक्ति द्वारा ये कार्य नहीं हो सकता है पर बहुत ही कठिन है और अच्छे लोग को सतना नामुमकिन होता है क्योंकि ईश्वर कभी ऐसे ही किसी को कुछ नहीं करता है साथ ही सही रास्ता पर चलना सबको कठीन लगता है,
तभी तो डायन आदि दुष्टशक्तियों को पूजकर ये गलत पापरूपी कार्य करवाता है|
नोट: दुष्टशक्ति पूजना सही नहीं और इसलिए ऐसा न करें
देर से ही सही , मंजिल मिल ही जायेगी तो फिर गलत के साथ क्यूँ चलें ?
धन्यवाद
Also read this Who is God ?