भारत के महान योद्धा
क्या आप जानते है ? कौन है वह 10 महान शासक और योद्धा जिनकी वीरता की गाथाएं भारत के शक्तिशाली इतिहास का सबूत हैं
आज हम बात करेंगे भारत के इतिहास से निकले कुछ वीर योद्धाओ और शासक की जिन्होंने हर सदी के युवाओ के लिए एक जीवंत भारत की मिसाल पेश की
1. चन्द्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की नींव रखी और भारत के पहले महान सम्राट बने। उनके गुरु चाणक्य ने उन्हें रणनीति और युद्ध कला सिखाई। चाणक्य की सलाह से चंद्रगुप्त ने:
- नंद वंश को हराया
- मगध के सिंहासन पर कब्जा किया
- भारत की एकता और शक्ति बढ़ाई
चंद्रगुप्त मौर्य की महानता इस बात से भी झलकती है कि वे मात्र 20 साल की उम्र से ही युद्ध जीतने लगे थे। उनकी विरासत आज भी भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
2. अकबर
सम्राट अक़बर मुगल साम्राज्य से थे. उन्हें हिंदुस्तान के महान राजाओं के रूप में भी जाना जाता है. वो मुग़ल वंश के ऐसे तीसरे शासक थे, जिन्हें हिंदू-मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोगों ने काफ़ी प्यार दिया. कहा जाता है कि वो पढ़ने-लिखने के लिये रोज़ाना स्कूल नहीं जाते थे, फिर भी उन्हें हर विषय की काफ़ी जानकारी थी. उन्हें तलवारबाज़ी और घुड़सवारी का काफ़ी शौक़ था.
3. सम्राट अशोक
भारत के एक महान शासक और शाक्तिशाली राजा हुआ करता था ! वे मौर्य वंश के तीसरे शासक थे, जिन्होंने शुरूआती दौर में ही अपनी शक्ति का परिचय दिया था. यही नहीं, कहते हैं कि विदेशों में बुद्ध धर्म को फ़ैलाने में सम्राट अशोक का बड़ा योगदान था
सम्राट अशोक की शिक्षाएं:
१. अहिंसा
२. सत्य
३. धर्म
४. करुणा
५. सहनशीलता
4. महाराजा रणजीत सिंह
कहा जाता है कि सिख शासन की शुरूआत महाराजा रणजीत सिंह ने ही की थी. 19वीं सदी में अपने शासन की शुरूआत करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने खालसा नामक एक संगठन का नेतृत्व भी किया था. सबसे पहले वो छोटे-छोटे गुटों में बंटे सिखों को एक साथ लाये और मिसलदारों को हरा कर राज्य को बढ़ाना शुरू किया. यही नहीं, उन्होंने अफ़गानियों के खिलाफ़ भी लड़ाई लड़ी थी.
महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु 27 जून 1839 को लाहौर में हुई थी। उनकी विरासत आज भी पंजाब और सिख समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वह एक महान राजा, योद्धा और नेता के रूप में याद किए जाते हैं।
5. महाराणा प्रताप
हिंदुस्तान के महान शूर-वीरों में महाराणा प्रताप को कैसे भूल सकते हैं. योद्धाओं की शान बढ़ाने वाले महाराणा प्रताप साहसी योद्धाओं में से एक थे. अक़बर से पराजित होने के बाद भी उन्होंने ख़ुद को टूटने नहीं दिया और डट कर लड़ते रहे. इसके बाद महाराणा ने चित्तौड़गढ़ वापस लेकर अपने साम्राज्य की शान बढ़ाई.
6. राजा पृथ्वीराज चौहान
राजा पृथ्वीराज चौहान एक महान भारतीय राजा थे। उन्होंने 1178-1192 तक दिल्ली और अजमेर पर शासन किया। राजा पृथ्वीराज चौहान दिल्ली राज्य पर शासन करने वाले अंतिम स्वतंत्र हिंदू राजाओं में से एक थे. वो राजा जिनकी वीर गाथाओं को सुन-सुन कर हम बड़े हुए हैं. उनकी उपलब्धियां:
- दिल्ली की रक्षा
- अजमेर की विजय
- गुजरात और मालवा पर विजय
मृत्यु: तराइन के युद्ध में मोहम्मद गोरी के हाथों 1192 में।
7. बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 1775 में दिल्ली में हुआ था. वो अकबर शाह द्वितीय के दूसरे पुत्र थे. इतिहास के अनुसार, वो भारत के अंतिम मुगल सम्राट थे. कहते हैं कि उन्होंने हिंदुस्तान में राजनीति से ज़्यादा सूफ़ीवाद, संगीत और साहित्य को बढ़ावा दिया.
8. शाहजहां
ताजमहल के रूप में दुनिया को एक अजूबा देने के लिये आज भी हम सभी शाहजहां के शुक्रगुज़ार हैं. शाहजहां की मृत्यु एक युद्ध के दौरान हुई थी और आज वो सभी के बीच प्रभावशाली सम्राट के रूप में लोकप्रिय हैं.
9. कृष्णदेव राय
कृष्णदेव राय भारत के उन राजाओं में से एक थे, जिनकी बुद्धिमता के सब कायल थे. वो अपने दिमाग़ को हथियार की तरह इस्तेमाल करते थे, जिसके लिये अक़बर भी उन्हें काफ़ी पसंद करते थे. वो सिर्फ़ एक शक्तिशाली योद्धा ही नहीं, बल्कि विद्वान भी थे. अपने जीवनकाल में उन्होंने तेलुगु के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अमुक्तमाल्यद’ की रचना भी की थी. वो जानते थे कि राज्य को बढ़ाने के लिये प्रजा को ख़ुश रखना बेहद ज़रूरी है. इसलिये वो कोई भी निर्णय काफ़ी शांतिपूर्वक लेते थे. मौजूदा हम्पी उन्हीं की देन है.
10. छत्रपती शिवाजी महाराज
बचपन से ही हम छत्रपती शिवाजी महाराज की बहादुरी की कहानी सुनते आये हैं. शिवाजी भारत के एक महान राजा और रणनीतिकार थे. 1674 में उन्होंने ही मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. कई वर्षों तक मुग़ल साम्राज्य में योद्धा की तरह संघर्ष करने के बाद 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक किया गया था. जिसके बाद वो लोगों के लिये छत्रपति शिवाजी महाराज बन गये. वो शिवाजी महाराज ही थे, जिन्होंने हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं और दरबारी शिष्टाचारों को दोबारा जीवांत किया था. इसके साथ ही मराठी और संस्कृत को राजकाज की भाषा का दर्जा दिया.
छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियां:
१. मराठा साम्राज्य की स्थापना
२. मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई
३. महाराष्ट्र की स्वतंत्रता
४. हिंदू धर्म और संस्कृति का समर्थन
५. सैन्य और प्रशासनिक सुधार
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