गंगा जल के बारे में ये आप नहीं जानते होंगे
आप क्या जानते हैं ?
जिस गंगा जल से हम पूजा करते हैं उस गंगा जल को किस जल से पूजा करते हैं ?
[वैज्ञानिक तथ्य नीचे लिखा गया है !]
पहले जानते हैं गंगा माँ के स्वरूप को
गंगा को भारत की पवित्र नदियों में से एक माना जाता है ।
हिंदू धर्म में गंगा को पूजनीय कहा गया है ।
ये मान्यता है कि दशहरा के दिन गंगा में डुबकी लगाने से मानव अपने पापों से मुक्त हो जाता है ।
चाहे कितना भी शुभ कार्य हो या पूजा हो , गंगा जल से पूजा की जाती है । बिना गंगा जल की पूजा शुद्ध नहीं माना जाता है , हिन्दू धर्म मे गंगा जल को सब से शुद्ध माना गया है !
लेकिन अगर गंगा ( अथवा गंगा जल ) को पूजना हो या गंगा जल ना हो तो किस जल से पूजा शुभ माना गया है ?
मान्यता अनुसार गंगा जल को नारियल पानी से पूजा जाता है ।
यहाँ तक कि गंगा जल न रहने पर नारियल पानी से पूजन किया जाता है और गंगा जल इतना ही शुद्ध पानी नारियल पानी को माना गया है !
लेकिन नारियल पानी का खास कर के तांत्रिक पूजन मे ज्यादा उपयोगी माना जाता है
हिन्दू धर्म में नारियल को भगवान गणेश का काफी प्रिय फल माना जाता है !
क्या है नारियल पानी का महत्त्व ?
शास्त्रों के अनुसार, नारियल में त्रिदेव यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है। नारियल पर दिखाई देने वाली तीन आंख भगवान शिव के त्रिनेत्र का रूप मानी जाती हैं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि नारियल पानी का घर में छिड़काव करने से सभी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।
हिन्दू धर्म में नारियल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसलिए किसी भी धार्मिक व मांगलिक कार्य में नारियल का इस्तेमाल जरूरी रूप से किया जाता है। ऐसा माना गया है कि देवी-देवताओं को नारियल अर्पित करने से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में नारियल पानी को चन्द्रमा का प्रतीक माना गया है।
गंगा जल का वैज्ञानिक महत्त्व:
गंगा जल का वैज्ञानिक महत्त्व कई गुना है: इसको आप लंबे समय तक रख सकते हैं।
1. आत्मशुद्धि और पवित्रता: गंगा जल में आत्मशुद्धि और पवित्रता के गुण होते हैं।
2. औषधीय गुण: गंगा जल में कई औषधीय गुण होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं।
3. जल संकट का समाधान: गंगा जल जल संकट का समाधान करता है और जल संचयन में मदद करता है।
4. पर्यावरण संतुलन: गंगा जल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. जैव विविधता का संरक्षण: गंगा जल जैव विविधता का संरक्षण करता है और जलीय जीवन को समर्थन देता है।
6. जल शुद्धिकरण: गंगा जल में जल शुद्धिकरण के गुण होते हैं, जो जल को शुद्ध बनाते हैं।
7. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना: गंगा जल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है।
8. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करना: गंगा जल जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करने में मदद करता है।
गंगा जल का वैज्ञानिक महत्त्व इसके अलावा भी कई है, लेकिन इसके संरक्षण और सुरक्षा के लिए हमें इसके प्रदूषण को रोकना होगा।